विष्णु जी की आरती
नमस्कार दोस्तों, आज हम इस सुविचार वेबसाइट पर Vishnu ji ki aarti lyrics in Hindi को पढ़ेंगे और अपने भक्ति भाव को भगवान विष्णु जी पर समर्पित करेंगे। प्रेम से बोलो भगवान विष्णु की जय। चलिए भगवान विष्णु जी की आरती करते हैं-
भगवान विष्णु जी की आरती:
ॐ जय जगदीश हरे।स्वामी जय जगदीश हरे।।
भक्त जनों के संकट,दास जनों के संकट,क्षण में दूर करे,ॐ जय जगदीश हरे।।
जो ध्यावे फल पावे,दुःखबिन से मन का,स्वामी दुःखबिन से मन का,सुख सम्पति घर आवे,सुख सम्पति घर आवे,कष्ट मिटे तन का,ॐ जय जगदीश हरे।।
मात पिता तुम मेरे,शरण गहूं किसकी,स्वामी शरण गहूं मैं किसकी।तुम बिन और न दूजा,तुम बिन और न दूजा,आस करूं मैं जिसकी,ॐ जय जगदीश हरे।।
तुम पूरण परमात्मा,तुम अन्तर्यामी,स्वामी तुम अन्तर्यामी।पारब्रह्म परमेश्वर,पारब्रह्म परमेश्वर,तुम सब के स्वामी,ॐ जय जगदीश हरे।।
तुम करुणा के सागर,तुम पालनकर्ता,स्वामी तुम पालनकर्ता।मैं मूरख फलकामी,मैं सेवक तुम स्वामी,कृपा करो भर्ता,ॐ जय जगदीश हरे।।
तुम हो एक अगोचर,सबके प्राणपति,स्वामी सबके प्राणपति।किस विधि मिलूं दयामय,किस विधि मिलूं दयामय,तुमको मैं कुमति,ॐ जय जगदीश हरे।।
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,ठाकुर तुम मेरे,स्वामी रक्षक तुम मेरे।अपने हाथ उठाओ,अपने शरण लगाओ,द्वार पड़ा तेरे।ॐ जय जगदीश हरे।।
विषय-विकार मिटाओ,पाप हरो देवा,स्वमी पाप हरो देवा।श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,सन्तन की सेवा,ॐ जय जगदीश हरे।।
ॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरे,भक्त जनों के संकट,दास जनों के संकट,क्षण में दूर करे,ॐ जय जगदीश हरे।।
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