भगवान शिव के पूजन का महीना-सावन माह
हिंदु धर्म के अनुसार सोमवार के व्रत तीन प्रकार के होते हैं-
1. सावन सोमवार2. सोलह सोमवार
3. सोम प्रदोष
सोमवार व्रत और उसके करने के क्या विधि-
सोमवार के व्रत भी लगभग सभी व्रतो के समान ही है। इस व्रत को श्रावण माह से शुरू किया जाता है और इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। इस व्रत को सूर्योदय से आरंभ करके तीसरे पहर तक करा जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और पार्वती देवी की पूजा करने के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी जरूरी है।पूजन करने के लिए जरूरी बातें-
1. सावन सोमवार व्रत में ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठना चाहिए।2. पूरे घर की सफाई करनी चाहिए।
3. सुबह के समच में स्नान करना चाहिए।
4. पुरे घर में गंगा जन का छिड़काव करना चाहिए।
इस पूजन को करने के बाद भगवान शिव के इस मंत्र का संकल्प करें-
Mam Kshem-Sthairy-Vijaya-Rogyai-Shavrya-Bhivridhay-Arth Somvar Vrat Karishye
5. इसके बाद इस मंत्र पर ध्यान करें-
Dhyaye-Nnityam-Hesh Rajat-Giri-Nimbh Charoo-Chandra-Vatasam Ratna-Kalpo-Jabalang Parashu-Mirgvara-Bhitihastam Prasannam.
Padhdhasin Samatatstutumam-Mamar-Ganai-Vyargh-Kriti Vasanam Vishvdhyam Vishvdhyam Nikhil-Bhay-Harm Panchav-Katram Trinetram.
6. ध्यान करने के बाद 'ॐ नमः शिवाय' (Om Namah Shivay) के मंत्र के जाप करके पूजन करें।
7. इसके बाद भगवान शिव के सावन सोमवार व्रत का कथा सुनें।
8. कथा सुनने के बाव भगवान शिद की आरती करें और फिर प्रसाद को बांटे।
9. तत्पश्चात फलाहार या भोजन करें।
सोमवार व्रत करने के लाभ
1. इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती अनुकंपा सदा आप पर बनी रहेगी।2. आपके सारे कष्ट भी धीरे धीरे दूर हो जायेंगे।
3. आपका मन भी शुद्ध हो जायेगा जिसके फलस्वरूप आपका काम अच्छा होगा और जीवन धन धान्य हो जाचेगा।
4. भगवान शिव पर भरोसा करें क्योंकि शिव अपने भक्ते के कष्ठों का हरण करते हैं।
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