सफलता का रहस्य
क्या विशिष्टता सफलता का रहस्य है? सच्ची विशिष्टता अपनी सारी काबलियत को
निश्चितता की स्थिति में डालने में है।
एक ऐसा इंसान जिसने अपने जीवन में कभी
कम्प्यूटर देखा भी नहीं था उसने फिर भी दुनिया को साफ्टवेयर देने का वादा किया। यह
उसकी निश्चितता की समझ थी, जिससे उसने अपने स्रोतों को गतिशील बनाकर अपना भविष्य
बनाया।
सफलता प्राप्त करने के लिए अपने आपको
पूर्ण रूप से समर्पित करें।
कल्पना असंभव को संभव
बनाती है?
अक्सर हमारा दिमाग सच्चे अनुभवों और
कल्पनाओं में अंतर नहीं कर पाता है। जैसा कि एक महान वैज्ञानिक ने कहा है कि “ज्ञान से ज्यादा शक्ति कल्पना में है।”
कुछ लोग होते हैं जो नए तरह के अनुभवों
से डरते हैं जबकि दूसरे लोग इन अनुभवों को अपनाने की कोशिश करते हैं क्योंकि
उन्होंने इच्छित परिणामों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न कल्पनाओं का सहारा लिया
है।
ऐसा उद्देश्य निश्चित करें जो आपको
उद्वेलित करे। एक नया अनुभव होने दें। अपनी सफलता की कल्पना करें।
विपत्ति का सामना
यह जानना बहुत जरूरी
है कि मुश्किल परिस्थितियों का सामना कैसे किया जाए?
सफल व्यक्ति परेशानियों को अस्थायी मानते हैं, जबकि असफल व्यक्ति इन्हें स्थायी
मानते हैं। डॉ. मार्टिन ने इसे प्रबुद्ध असहाय स्थिति का नाम दिया दिया है जो
निम्नलिखित सोच का परिणाम है-
· समस्या अस्थायी की
अपेक्षा स्थायी है।
· समस्या फैली हुई है।
· समस्या व्यक्तिगत (प्रसनल)
है।
विश्वास-सफलता की
कुंजी है
आशाएं काम करने की क्षमता को बढ़ाती
हैं, जिसे पिगनमैलियन प्रभाव कहते हैं। एक व्यक्ति ने अपनी रिसर्च में टीचरों को
कहा कि कुछ बच्चे अपनी कक्षा में काफी प्रतिभावान है। ऐसी बच्चों की प्रतिभा को
बढ़ाने के लिए लगातार तराशने की जरूरत है। टीचरों ने ऐसा ही किया तथा जिन स्टूडेंट
को प्रतिभाशाली समझकर छांटा गया था, उन्होंने अच्छे परिणाम दिखाए। एक बात बताना
जरूरी है कि यहां ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया जो यह बताए कि कौन से बच्चे
प्रतिभा सम्पन्न हैं या कौन से बच्चे कमजोर हैं। यह अध्ययन दिखाता है कि विश्वास
का कितना महत्त्व है।
बदली हुई क्रिया
विधि
बदलाव
कैसे होते हैं? जब हम अपने कार्य
करने के तरीके को बदलते हैं तथा अपने आपको नर्वस सिस्टम से जोड़ते हैं तब ऐसा होता
है। फिर अनुभव में भी बदलाव आ जाता है। जब तक आपको शराब पीने से खुशी मिलती है तब
तक आप शराब पीते रहोगे। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप शराब को अपनी कुंठा, सड़क
दुर्घटना यहां तक कि मृत्यु के साथ जोड़ते हैं। दर्द तथा खुशी का महसूस होना हमारे
नर्वस सिस्टम से जुड़ा होता है। नर्वस सिस्टम से जुड़ाव हमारे व्यवहार को निश्चित
करता है।
एक पल ही काफी है
जितनी तेजी से समस्या
पैदा होती है, उसका हल भी उतनी ही तेजी से निकाला जा सकता है। अगर आपने अपनी आदत
को बदलने के लिए ज्यादा समय लिया है तो यह इस कारण से हुआ कि आपने यह महसूस करने
में काफी समय लिया है कि आपको जरूर बदलना चाहिए। विश्वास करें कि आप अभी भी अपने
आपको बदल सकते हैं।
लोग बदलाव को अपनी पिछली असफलताओं के
साथ जोड़ते हैं तथा सोचते हैं कि आदत में बदलाव लाने के लिए लंबी प्रक्रिया से
गुजरना होगा।
इस तरह की मानसिक रूकावटें बदलाव लाने
में ज्यादा समय लेती है। उन रूकावटों को अभी बाहर निकाल फेंकें तथा महसूस करें कि
नए बदलाव या नये कार्य नये परिणामों को जन्म देंगे। वैसे हो सकता है आप इसे नकारने
की कोशिश करें लेकिन यही सच है।
परिवर्तन में निपुणता
क्या
आपने कभी कमरे की खिड़की में मक्खी को फंसते हुए देखा है? वह मक्खी खिड़की से निकलने की कोशिश
में लगी रहने के चक्कर में खिड़की से टकराती रहती है। यही स्थिति मनुष्यों के साथ
भी है। हो सकता है कि वे प्रेरित हो लेकिन अगर वे ऐसी दिशा में कोशिश करेंगे जहां
असफलता निश्चित हो तो अपने मकसद में कभी कामयाब नहीं हो सकते।
अपनी व्यावहारिक आदतों को छोड़ें।
मौजपूर्ण तरीके से इन सीमाओं को तोड़ें।
हम अपने दिमाग तथा शरीर को तब तक ढालने
की कोशिश करते रहते हैं जब तक आदत न बन जाए। हम रोजाना बाहर निकलने के लिए एक ही
रास्ते का प्रयोग करते हैं फिर दूसरे रास्ते पर निकल पड़ते हैं तथा उस पर चलते
जाते हैं।
हमारी भावना तथा व्यवहार संबंधी आदतें
वैसी ही होती हैं जैसा हम कल्पना करते हैं। नकारात्मक प्रतिक्रिया, गुस्सा और
अवसाद आदि हमारी आदतों में शामिल हैं। अपने आपको खुश रखने व आभार व्यक्त करने के
लिए प्रशिक्षित करें।
अपने आपको परितोषिक
दें
क्या
आप बंदर को नाचना सिखा सकते हैं? जी हां आप उसे नाचना
जरूर सिखा सकते हैं, क्योंकि इंसानों तथा जानवरों में परिवर्तनशील व्यावहारिकता
होती है। वे नई परिस्थितियों के अनुसार ढलना जानते हैं।
प्रशिक्षक बंदर को बारीकी से देखते हैं।
जब वह भोजन की तरफ बढ़ता है तो वे डंडे के डर का प्रयोग करते हुए भोजन की दिशा बदल
देते हैं तथा अधिक भोजन से ललचाते हैं।
इस प्रकार बंदर इच्छित दिशा में पलटने
की आदत बना लेता है तथा इस तरह उसके उलटने-पलटने की हरकतें नाच की तरह नजर आती है।
खुशनुमा परितोषिक की एक सूची बनाएं। जब
आप कोई अच्छा काम करे तो उन पारितोषिकों का निर्माण करें जिन्हें आप अपने मन से
अपने आपको प्रदान कर सकें।
पढ़ने की मेज पर
चिपकाएं
अपनी पुरानी भावनात्मक या व्यावहारिक
आदतों को सोचें जिन्हें आप अपने दुःख-दर्द के साथ जोड़ते हैं।
अपने नए अंदाजों की, खुशी या आनंददायक
परिस्थितियों के साथ जोड़े।
क्या आपका नया अंदाज या पैटर्न आपके
उद्देश्य तथा विश्वास के साथ मेल खाता है तथा उन्हें प्राप्त करने में सहायक है।
पुराने पैटर्न के लाभों को सम्भाल कर
रखें। अगर आप पहले अपने तनाव को कम करने के लिए धूम्रपान करते थे तो अब उसके स्थान
पर स्वास्थ्यवर्धक उपाय करें।
कल्पना करें कि आप बदले हुए प्रकृति के
अनुसार व्यवहार कर रहे हैं तथा आपकी पुरानी आदतें बदल रही हैं।