दवा और मैमोरी
अक्सर हमें गोलियों, कैप्सूलों और ताकत
की दवाइयों के विज्ञापन देखऩे को मिल जाते हैं जो यह दावा करते हैं कि वे आपकी मैमोरी
पॉवर को सुधार सकते हैं। क्या सच में दवाईयां किसी भी प्रकार से मैमोरी पॉवर में सुधार
ला सकती है? इस प्रश्न का उत्तर ‘हां’ हो सकता है।
एक
ही जगह के 23 से 27 वर्ष
की उम्र के 10 व्यक्तियों से कहा गया कि, “मार्किट में एक ऐसा
टॉनिक आया है जिसका अगर आप तीन महीने तक सेवन करें तो आपकी याददाश्त अर्थात मैमोरी
दुगनी हो सकती है। लेकिन प्रयोग शुरू करने
से पहले उन सभी 10 के 10 व्यक्तियों का एक मैमोरी टैस्ट लिया गया।”
उन 10 व्यक्तियों में
से 5 व्यक्तियों को एक नामी कंपनी का टॉनिक दिया गया और बाकी 5 को सिर्फ रंगीन
सादा पानी। यह प्रयोग तीन महीने तक चला। तीन महीने के अंत में उसी प्रकार का मैमोरी
टैस्ट किया गया।
अब
सोचिए कि इसका रिसल्ट क्या आया होगा? परिणाम यह था कि
पिछली बार के लिए गए टैस्ट में मिले अंकों से उनके इस बार के टैस्ट के अंक ज्यादा
थे तथा टॉनिक लेने वालें और सादा रंगीन पानी लेने वालों के औसत प्रतिशत लगभग समान
ही थे।
कुछ
और ज्यादा विश्लेषण करने पर यह परिणाम निकला कि उन दसों व्यक्तियों की याददाश्त
मनौवैज्ञानिक काऱणों से ही तेज हुई थी। सभी दसों व्यक्तियों ने अपने दिमाग को यह
संदेश पहुंचाया था कि वे अपने दिमाग के लिए कुछ ज्यादा कर रहे हैं इससे उनका दिमाग
और ज्यादा अच्छा होता गया।
इसलिए
दिमाग को तेज करने की विधियों में से एक असरपूर्ण विधि दिमाग को यह संदेश देना कि,
‘मेरा मस्तिष्क संसार के किसी भी
कम्प्यूटर से अधिक तेज है और रोजाना अच्छा ही होता जा रहा है।
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