छठ पूजा (छठ महापर्व)
उत्तर भारत में खासतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल और असाम में छठ पूजा धूम धाम के साथ मनाया जाता है। अब तो छठ पूजा की लौकप्रियता इतनी बड़ चुकि हैं कि यह त्यौहार दिल्ली, मुम्बई और कलकत्ता जैसे बड़े शहर में भी धूम धाम से मनाया जाता है। इसके अलावा यह त्यौहार अब तो विदेशों में जैसे मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया), अमेरिका और मॉरीशस आदि देशों में भी मनाया जाने लगा है। इस पर्व पर विशेषतौर पर गंगा मां और सूर्य भगवान की पूजा की जाती है।
छठ पूजा एक ऐसा भारतीय त्यौहार है जिसमें सूर्य देव छठी मां की पूजा की जाती है। यह महापर्व दिवाली के छठे दिन मनाई जाती है। छठ का पर्व 4 दिनों तक बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसकी शुरुआत पहले दिन नहाय-खाय से शुरू हो जाता है। इसके बाद दूसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ग दिया जाता है। फिर अगले दिन सुबह में उगते सूर्य को अर्ग दिया जाता है। इसके बाद इस पर्व का समापन्न हो जा जाता है। इस त्यौहार की विशेष्ता यह है कि इसमें सभी प्रकार से प्रकृति की पूजा होता है।
छठ पूजा महत्व क्या है?
छठ पूजा मुख्य रूप से भगवान सूर्य और छठी मां का उपासना का त्यौहार है। इस त्यौहार को मुख्य रूप से जो रखते हैं वे लगभग 36 घंटे का उपवास करके करते हैं। इस उपवास के दौरान कुछ भी खाना-पिना वर्जीत है। यहां तक की पानी का भी सेवन नहीं किया जाता है। एक प्रकार से यह निर्जला व्रत रखने का त्यौहार है। इसलिए ही इसे हिंदुओ में महापर्व कहा जाता है। क्योंकि निर्जला व्रत रखना सबसे कठीन होता है वह भी लगभग 36 घंटे का। इस पर्व की शुरूआत नहाय खाय से होता है। इसका समापन्न डूबते सूर्य और उगते सूर्य को अर्ग देकर किया जाता है।
छठ त्योहार के दौरान छठ पूजा के गीत गाने का प्रचलन है। लोग छठ पूजा समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनते हैं। जिस भी परिवार के लोग छठ पूजा में शामिल होते हैं उनकी आस्था पर कोई भी प्रश्नचिंह नहीं उठा सकता है। यह महा पर्व है और इसमें सूर्य भगवान और छठी मां की पूजा होती है। इसलिए छठ गीत में सूर्य भगवान और छठी मां का गुनगान किया जाता है। हम सभी को एक बात स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि भागवान सूर्य की कृप्या से ही इस संसार में जीवन है। बिना इनके जीवन की कल्पना भी नहीं की जाती। इसलिए अगर हम जीवित प्राणी तो हमें इस महापर्व का सम्मान करना ही चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि भागवन सूर्य और छठी मां का इस दिन पूजा करने से उनके भक्तों पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है। उनकी सभी बाधा दूर हो जाती है। हिंदु त्योहार में सूर्य देव की उपासना करना बहुत माहत्वपूर्ण है।
छठ में सूर्य भगवान की पूजा के लिए चमत्कारी मंत्र
हम सभी जानते हैं कि छठ पूजा में मुख्य रूप से भगवान सूर्य और छठी मां की पूजा की जाती है। यदि आप इस पूजा में सूर्य को अर्ग देते समय नीचे दी जा रही मंत्र का जाप करते हैं तो आपकी मनोकामना जल्दी ही पूरी होती है।
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर। दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते।।
इस मंत्र का जाप करने से बल, तेज, यश, मान-सम्मान और कीर्ति बनी रहती है।
सूर्य भगवान की पूजा के लिए एक और मंत्र आपके लिए भलदायी हो सकता है। इसका जाप अवश्य ही करें-
ॐ मित्राय नम:, ॐ रवये नम:, ॐ सूर्याय नम:, ॐ भानवे नम:, ॐ खगाय नम:, ॐ घृणि सूर्याय नम:, ॐ पूष्णे नम:, ॐ हिरण्यगर्भाय नम:, ॐ मरीचये नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ सवित्रे नम:, ॐ अर्काय नम:, ॐ भास्कराय नम:, ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:
छठ पर नाक तक सिंदूर क्यों लगाया जाता है?
बहुत से लोग अक्सर प्रश्न करते हैं कि छठ पर नाक तक महिलाएं सिंदुर क्यों करती है। लेकिन जब आप इसका तर्क समझेंगे तो आपको समझ में आयेगा की यह उचित है। हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में शादी-शुदा महिलाओं हमेशा सिंदूर लगाती है। छठ पूजा में महिलाओं को मांग भरना अनिवार्य है। छठ पूजा में मुख्य रूप से महिलाए पीले सिंदूर से मांग भरती है। हिंदू धर्म में सिंदूर को सुहाग की निशानी और पति की सेहतमंद लंबी उम्र का सूचक माना गया है। बहुत से लोगों का मानना है कि इस दिन शादीशुदा महिलाए जितनी लम्बी सिंदूर लगायेगी उसके पति का उम्र भी उतना ही लंम्बा होगा। जो महिलाए सिंदूर को छिपा लेती है, उनका पति सामाज में छिप जाता है और तरक्की नहीं कर पता है। इससे पति की आयु कम हो जाती है। यही कारण है कि महिलाएं नक तक सिंदूर लगाती है। हिंदू धर्म में कई प्रकार का परम्परा है और हमें सभी के परम्परा का सम्मान करना चाहिए।
छठ पूजा से सम्बंधित सुविचार:
छठ पूजा आये बनके उजाला,
खुल जाये आपकी किस्मत का ताला,
हमेशा आप पर रहे मेहरबान सूर्यदेव बनकर रखवाला,
यही दुआ करता है आपको चाहने वाला।
Wish you very happy Chhat Puja!
रथ पर होकर सवार सूर्या, देवता जी आये आपके द्वार, सुख सम्पत्ती मिले आपको आपार,
छठ पर्व की आपको शुभकामनाए।
Saat Ghdon ki hai jinki sawari,
N kabhi rooke, Na kabhi der kare,
Aise hi hamare Soorydev,
Aao milkar kare is chhath par unki pooja,
Sabko hamari taraf se chhat parv ki hardik shubhkamanyen!
Mandir ki Ghanti, Aarti ki thali,
Nadi ke kinare sooraj ki laali,
Jindagi men aaye khushiyon ki bahar, Aapko mubarak ho chhath ka tyohar!
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