शांत मन हमेशा चमत्कार कर सकता है जाने कैसे?
एक बार की बात है एक किसान ने अपनी घड़ी को चारे से भरे हुए बाड़े में खो दिया। उसकी घड़ी बहुत ही महंगी थी इसलिए उसने घड़ी को बहुत अधिक खोजा लेकिन घड़ी मिली नहीं।
उसी के पास कुछ बच्चे खेल रहे थे और किसान को कुछ और भी काम करना था। तब उसने सोचा कि क्यों न बच्चों को घड़ी खोजने के लिये कह दूं। फिर इसके बाद उसने बच्चों को कहा कि जो बच्चा घड़ी को खोज लेगा, उसे अच्छा इनाम दिया मिलेगा।
ऐसा सुनकर बच्चे लालच में आ गये और चारे के बाड़े के अन्दर दौड़ गये। इसके बाद वे घड़ी को ढूंढने लगे। किंतु बहुत अधिक ढूंढने के बाद भी घड़ी नहीं मिली। इसके बाद एक बच्चा किसान के पास गया और बोला कि मैं घड़ी को ढूंढ सकता हूं। लेकिन मेरी एक शर्त है कि सारे बच्चे को बड़े से बाहर जाना होगा। तब किसान ने उसकी यह बात मान ली। इसके बाद सारे बच्चे बाड़े से बाहर आ गये। इसके बाद वह बच्चा बाड़े के अंदर अकेला चला गया और कुछ समय बाद ही वह घड़ी के साथ वापस आ गया।
घड़ी को देखकर किसान बहुत अधिक खुश हो गया और आश्चर्यचकित भी हुआ। इसके बाद उसने बच्चे से पूछा कि तुमने किस तरीके से घड़ी को खोजी। जबकि बाकि बच्चे और मैं खुद भी उसे बहुत कोशिश के बाद भी नहीं ढूंढ पाया।
इसके बाद बच्चे ने किसान को बोला कि मैनें घड़ी को ढूंढने के लिए कुछ ज्यादा मेहनत नहीं की, बस शांत मन से जमीन पर बैठकर घड़ी के आवाज को सुनने की कोशिश की। वहा पर बड़ी शांती थी इसलिए मैनें घड़ी के आवाज को सुन ली और उसी तरफ देखा तो मुझे घड़ी मिल गई।
सुविचार : - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि यदि किसी भी कार्य को शांत दिमाग से किया जाये तो वह ठीक प्रकार से हो सकता है जैसे बच्चे ने शांत दिमाग से घड़ी को खोज निकाला। इसलिए कहा जाता है कि एक शांत दिमाग ठीक प्रकार से सोच सकता है, एक थके हुए दिमाग की तुना में। आप प्रतिदिन कुछ समय के लिए अपनी आंखों को बंद करके शांत बैठिये और मष्तिष्क को शांत होने दीजिये और फिर देखिये आपके जिंदगी का हर काम कैसे असानी से हल हो जायेगा। एक बात अवश्य जान लीजिए कि हमारी आत्मा हमेशा अपने आप को ठीक करना जनती है, बस आप अपने मन को शांत कीजिए।
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