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वायरल समाचार और सोच बदलने वाले सुविचार

स्त्री के बिना समाज की कल्पना अधूरी

क्या बिना स्त्री के समाज की कल्पना की जा सकती है? यदि यह प्रश्न आप अपने से करेंगे तो शायद आपको खुद ही इसका उत्तर मिल जाये। सृष्टि की आधार स्त्री ही है। यदि इस संसार में स्त्री न होती है शायद पुरुषों का अस्तितव ही न होता। लेकिन यह बात पता होते हुए भी जब कोई एक पुरुष किसी स्त्री पर अत्याचार करता  है तो ऐसा लगता है कि शायद मानवता ने आज अपना दम तोड़ दिया है। अभी हाल ही में एक घटना तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें यह दिखाई दे रहा है कि एक लड़का किसी लड़की को बुरी तरह से पीट रहा है। आइये जानते हैं कि पूरी घटना क्या है। 

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स्त्रियों के प्रति अत्याचार को बयान कर देने वाली यह घटना दिल्ली में घटी है और यह सोशल मीडिया पर आजकल बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल विडियों में एक पुलिसकर्मी के बेटे द्वारा एक युवती को बहुत ही बुरी तरह पीटते हुए दिखाया गया है। कुछ सामाचार चैनलों से पता चला है कि आरोपी लड़के ने आपने दोस्त के कार्यालय में लड़की को बुरी तरह से पीटा। 

जब कभी भी इस प्रकार के घटना के बारे में सुनते हैं तो मानवता पर से विश्वास ही उठ जाता है। हमे विश्वास ही नहीं होता कि क्या हम उस देश में रह रहे हैं जहां पर एक स्त्री को देवी की तरह पूजा जाता है। पिछले कई वर्षों से इस प्रकार की घटना ने हमारे देश का नाम खराब किया है। इस घटना में एक चौकाने वाली बात तो यह भी पता चला कि अपराधी एक पुलिसकर्मी का लड़का है।

हमारे देश में एक वक्त था जब हम स्त्रियों को देवी के रूप में पजते थे लेकिन आज कुछ अलग ही माहौल बनता जा रहा है जो कि पूर मानव समाज के लिए सही नहीं है। कुछ वर्षों से नाबालिग लड़कियों तथा छोटी-छोटी बच्चियों और महिलाओं के साथ रेप और अत्याचार जैसी घटना बढ़ती ही जा रही है। इस प्रकार की बुराइयों से लड़ने के लिए हमे ही आगे आना होगा। 

वैसे जिस प्रकार से हमारे देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना का  संज्ञान लिया और अपराधी व्यक्ति को सजा दिलाने के लिए दिल्‍ली पुलिस कमिश्‍नर को फोन किया वह काबिले तारीफ है। यहां पर हम यह बता देना चाहते हैं कि हम गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी की तारिफ नहीं कर रहे हैं बल्कि हर वह व्यक्ति जो स्त्रियों को न्याय दिलाने के लिए कार्य करता है वह तारिफ के काबिल होता है। 

दिल्ली पुलिस ने आरोपी लड़के को पकड़कर जेल में भेज दिया और आगे कि कारवाई शुरू कर दी। कुछ सूत्रों से यह पता चला है कि इस लड़के कि शादी उसकी प्रेमिका से होने वाली थी जिसकों जैसे ही यह पता चला कि उसका मंगेतर ने इस प्रकार का घृणित कार्य किया है तो उसने अपनी शादी उससे तोड़ दी और साथ ही उसके खिलाफ केस भी दर्ज कराया। यहां पर यह लड़की भी तारिफ के काबिल है क्योंकि उसने अन्याय और पाप के खिलाफ आवाज उठाई।  

हमारे देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को खत्म करने के लिए मिलकर कार्य करने की जरूरत है तभी यह बुराई जड़ से मिट पायेगी। क्योंकि कोई भी सरकार चाहे कितनी ही कानून बना ले और कितना ही इसको दूर करने का प्रयास करें। यह समस्यां जड़ से खत्म नहीं हो पायेगी जब तक कि हम अपनी सोच को न बदले। हम लोगों को लड़कियों को अपने बराबर समझने की जरूरत है तभी यह बुराई मिट पायेगी। 

कुछ सुविचार आपके लिए -

1. औरत को कमजोर समझने कि भूल न करें, क्योंकि जो स्त्री पार्वती का रूप होती है वह एक दिन काली भी बन सकती है।
2. आजकल लडकियां लड़कों से कम नहीं क्योंकि जो मुकाम लड़कों ने आज हासिल किया हैं वही लड़कियों ने भी।
3. बेटे और बेटी के बीच भेदभाव करना बहुत गलत है क्योंकि यदि घर में लड़की नहीं होगी तो बहु कहां से आयेगी। 
4.आज लड़की हर वह मुकाम हासिल कर सकती है जो लड़के कर सकते हैं।

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क्या सही और क्या गलत | Emotional Story | शिक्षाप्रद कहानी

क्या सही और क्या गलत, यह समझना आसान नहीं

कुछ समय पहले की बात है एक प्रोफेसर अपनी क्लास में कहानी सुना रहे थे, जोकि कुछ इस प्रकार है -

एक बार एक युवा दमपति जहाज में सफर कर रहे थे तभी जहाज के साथ एक घटना घटी। जहाज पानी में डूबने लगा। पूरे जहाज में अफरा तफरी मच गई। लोग एक एक करके जहाज से उतरने लगे। तभी युवा दमप्ति का भी उतरने का नम्बर आया। लेकिन समस्यां ये थी कि जैसे ही औरत उतरने वाली थी जहाज और तेजी से डूबने लगा। उसी समय इस घटना ने कुछ यू मोड़ लिया जो बहुत ही चौकाने वाला था। औरत ने अपने आदमी को जहाज से धक्का दे दिया। फिर जहाज डूबने लगी और औरत ने अपने आदमी से चिल्लकर कुछ कहा। 

इतना कहानी सुनाते ही प्रोफेसर ने रुककर अपने विद्यार्थियों से पूछा कि बताओ उस स्त्री ने अपने पति से क्या कहा होगा। 

विद्यार्थी जीवन में बच्चों में प्रश्न का जवाब देने कि बहुत ही ललक होती है। कुछ विद्यार्थी तुरंत चिल्लाये और कहा कि स्त्री ने अपने पति से I hate you ! कहा होगा। 

सभी विद्यार्थी से प्रश्न का जवाब सुनते हुए प्रोफेसर ने बीच में देखा कि एक विद्यार्थी बहुत ही शांत बैठा है। प्रोफेसर ने उससे भी पूछा कि बताओ तुम्हारा जवाब क्या है। 

इस पर लड़के ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि औरत ने अपने पति को यह कहा होगा कि हमारे बच्चे का देखभाल करते रहना। 
यह सुनकर प्रोफेसर बहुत हैरान हुए और उन्होंने ने विद्यार्थी से कहा कि तुमने यह कहानी पहले सुन रखी है क्या ?

इस पर विद्यार्थी ने कहा कि जी नहीं सर, यह बात मेरी बीमार मरती हुई मां ने मेरे पिताजी से कही थी। प्रोफेसर ने फिर दुखपूर्वक लड़के से कहा कि तुम्हारा जवाब बिल्कुल सही है। 

इसके बाद प्रोफेसर ने इस कहानी को आगे सुनाया और कहा कि जहाज डूब गया और स्त्री पानी में डूबकर मर गई। उसका आदमी किसी तरह से किनारे पर पहुंचा और अपना पूरा जीवन अपने बच्चों को ठीक प्रकार से लालन पालन में लगा दिया। कई वर्षों बाद जब व्यक्ति की मृतु हुई तो एक दिन सफाई करते हुए उसकी एक पुत्री को अपने पिता की एक डायरी मिली। 

जब डायरी को उसकी लड़की ने पढ़ा तो उसे पता चला कि जिस समय उसके माता पिता जहाज में सफर कर रहे थे उस समय उसकी मां एक जानलेवा बिमारी से ग्रस्त थी और उसके जीवन के कुछ ही पल शेष रह गये थे। जहाज में बहुत ही अफरा तफरी का माहौल हो गया था और उस समय उसकी मां ने उसके पिता को कहा था कि मेरे जीवन के कुछ ही पल रह गये हैं और हमें अपने बच्चों का ललन पालन भी करना है और आप मुझे बचाने कि कौशिश करोगे तो हम दोनों ही मारे जायेंगे। इसलिए हमारे बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए आपको जीवित रहना होगा। आप किसी तरह से यहां से जाइयें और बच्चों का ख्याल रखना। 

ऐसे कठिन समय में लड़की के मां और पिता ने एक कड़ा निर्णय लिया। उसके पित ने डायरी में लिखा कि तुम्हारी मां बहुत ही निडर थी जिसने उसे अपनी मृतु के समय पर भी बचने का साहस दिया और मुझे बताया कि तुम्हारे बिना हमारे जीवन का कोई मतलब नहीं है। उस समय मेरा भी मन था कि तुम्हरी मां के साथ समंदर में समा जाऊ लेकिन मुझे तुम्हारे भविष्य के लिए जीना पडा क्योंकि तुम्हारी मां से मैने वादा किया था कि मैं तुम्हरा ख्याल रखूंगा। 

जब  प्रोफेसर ने अपनी कहानी समाप्त की तो पूरी क्लास में शांति का महौल हो गयाा था। 

Suvichar4u को पढ़ने और देखने वाले मेरे प्रिय साथियों हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि इस संसार में कई सही और गलत बाते हैं लेकिन इसके अतिरिक्त कई जटिलतायें भी है जिसको समझना बिल्कुल भी असान नहीं है। इसलिए किसी भी बातों कि गहराई को जाने बिना परिस्थिति का सही सही आकलन करना बिल्कुल भी असान नहीं है। 

हमें यह समझने चाहिए कि किसी भी प्रकार का कलह होने पर पहले जो माफी मांगे, यह जरुरी नहीं कि वह गलत ही हो। हो सकता है कि  रिश्ते को बनाये रखने के लिए उसने ऐसा किया हो। 

दोस्तों के साथ खाते-पीते या पार्टी करते समय जो दोस्त बिल चुका रहो हो, यह जरुरी नहीं कि उसका जेब नोटों से ठसाठस भरा हो। यह भी तो हो सकता है कि दोस्ती के सामने वह पैसों कि अहमियत को कम समझता हो। 

जो लोग आपकी सहायता करते हैं यह जरुरी नहीं कि वह आपके एहसानों के बोझ तले दबा हो। यह भी तो हो सकता है कि उसके दिल में आपके लिए दयालुता और करुणा कुट कुट कर भरा हो। 

आज के समय में जीवन इसलिए कठीन बन गया है क्योंकि हमने लोगों को ठीक से समझना छोड़ दिया हैं। थोड़ी सी समझ और थोड़ी सी मानवता हमे सही रास्ता दिखा सकती है। जीवन में कई एसे मोड़ आयेंगे जिसको ठीक प्रकार समझने के लिए ठीक प्रकार से विचार करने की जरुरत पडे़गी। 

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