सोशल मीडिया : गंदी बात के लिए बिगड़े लड़को का सॉफ्ट टारगेट युवतियां क्यों होती है
आजकल सोशल मीडिया (Social Media) पर लड़कियों को गंदी बात के लिए सॉफ्ट टारगेट (Soft Target) बनाया जा रहा है और इसको अंजाम बिगड़े लड़के देते हैं। छेड़छाड़ करने वाले इन युवकों को लगता है सोशल मीडिया पर उनकी इन कारनामों को पकड़ा नहीं जा सकता है, लेकिन वे अब समहल जायें क्योंकि 1090 की साइबर टीम किसी भी युवती की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई कर सकती है। पिछले साल 2017 में साइबर अपराध लगभग 3990 दर्ज हुए थे। जबकि इस साल 2018 के अक्टूबर महीने तक लगभग 12850 छेड़खानी की शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। सोशल मीडिया पर इन बढ़ते अपराध के आंकड़े यह साबित करते हैं कि अपराध बहुत अधिक हो रहा है अब युवतियों को चुप नहीं रहना चाहिए बल्कि शोषण का सामना डट कर करना चाहिए।
हमारा देश दिन प्रतिदिन हाईटेक बनता जा रहा है और इसके साथ साथ ही बिगड़े लड़के का छेड़खानी का तरीका भी बदल गया है। इसका अंदाजा तो इस बात से लगाया जा सकता है कि विमिन पॉवर लाइन में बहुत सारे मामले दर्ज हुए है छेड़खानी के आकड़े इस बात को बयां कर रहे हैं। फेसबुक और वॉट्सऐप पर सक्रिय युवतियां छेड़खानी के लिए सॉफ्ट टारगेट बन रही हैं। सबसे अधिक कॉलेज में जाने वाले युवतियां निशाने पर हैं। इस तरह के मामलों से युवतियों को सतर्क रहने की जरूरत है। अब इसको रोकने के लिए विमिन पॉवर लाइन (1090) की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जो कि बहुत ही अच्छी बात है।
देखना तो यह दिलचश्प होगा कि इस जागरूकता का असर कितना अधिक होता है।
सोशल मीडिया पर छेड़खानी को मुहं तोड़ जवाब देने के लिए सुविचार
1. सोशल मीडिया पर बुरी बात करना बंद करों, यह सही जगह नहीं है, यह आपके घर जैसा है, कोई भी अपना घर गंदा नहीं करता तो फिर ये क्यों?
2. महिलाओं के अपराध और समाज जैसे अपराधों को रोकने के लिए ऐसे अपराधों को रोकने के लिए आरोपी के खिलाफ आवाज को मजबूत करना होगा। बच्चों का पहला शिक्षक एक मां है। जो उन्हें जीवन की गुड्स और बैड के बारे में जागरूक करता है। अगर महिला शिक्षा को नजरअंदाज कर दिया गया था, तो यह देश के भविष्य के लिए किसी भी खतरे से कम नहीं होगा।
उच्च शिक्षा हमें
उच्च विचार,
उच्च आचार,
उच्च संस्कार और
उच्च व्यवहार के साथ ही समाज की समस्याओं का
उच्च समाधान भी उपलब्ध करती है।
मेरा आग्रह है कि विद्यार्थियों को कालेज, यूनीविर्सिटी के क्लास रुम में तो ज्ञान दें हीं लेकिन उन्हें देश की आकांक्षाओं से भी जोड़ें.
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