कोरोना एक महामारी है, सारे दुश्मनी भुलाकर एक दूसरे का साथ दें। तभी कोरोना को हरा पायेंगे वरना रावण रूपी कोरोना को हरा पाना मुश्किल काम है। अगर आप सरकार के भरोसे बैठे है तो यह गलत है। सरकार तो अपना काम करे या न करें। हमे अपना ख्याल रखाना तो हमारा कार्य है न कि सराकार का।
जब आप बीमार पड़ जाते है तो उसके बाद आप सराकार के सहारे से ईलाज करवाते हैं। उससे पहले तो आपको खुद का ख्याल रखना जारुरी है। आप जानते हैं कि हामरे देश की आबादी 135 करोड़ के आस पास है। कोरोना कितने को अचानक चपेट में लेने लगा। ऐसे में कोई भी सरकार हो फेल तो हो ही जायेगा ना। इसलिए सरकार को कोसने से अच्छा हो कि आप लोग आपस में मिलकर रहे और एक दूसरे की सहायता करें। चलिए आपके एक कहानी से समझाते हैं-
एक व्यक्ति को कोरोना हो गया। उसे उसका बेटा Doctor पास ले गया। Doctor ने मरीज की जांच की और उसके बेटे को स्पष्ट कह दिया कि जल्दी से Plasma donor का इंतेजाम कर लों नहीं तो कुछ भी हो सकता है।
बेटे को अब तो कुछ भी नही समझ आ रहा था। पास में ही उसकी मां फफक-फफक कर रो रही थी। सामने बेड पर थे पिताजी बेहद ही सीरियस थे। बेटे ने सब जगह तो देख लिया था, सबसे गुहार कर ली थी लेकिन B positive plasma का कोई इंतजाम नहीं हुआ। देखा जाएं तो B positive plasma उनके घर पर ही था। कुछ महीने पहले उसके चाचा जी ने कोरोना को हराया था। बेट सोच रहा था कि चाचा से कहे तो कैसे कहे। चाचा जी से कुछ विवाद था। बेटा सोच रहा था कि चाचा जी को कहुंगा तो वे मना कर देंगे। इसके बाद वह माता जी को पिताजी के पास छोड़कर plasma के इंतेजाम के लिए शहर चला गया। दोपहर गुजर गी लेकिन कोई B Positive plasma का डोनर नहीं मिला। थक हार कर घर लौट गया।
घर पर आकर माता जी से चिपककर फूट-फूट कर रोने लगा। फिर बोला कि माताजी कोई डोनर नहीं मिला। पास में ही उसके चाचा जी बैठे थे। उन पर नजर पड़ी तो कुछ बोल नहीं पाया। चाचाजी खुद ही उसके पास आये और बोले कि तु कुछ नहीं बतायेगा तो क्या मुझे पता नहीं चलेगा। चाचा जी बेटे की आंसू को पोछते हुए बोले कि तेरा बाप मेरा भाई है। संकट और इस महामरी के समय में हमे एक दूसरे का साथ देना चाहिए। हमारा वाद विवाद जो हो उसकी जगह कहीं और पर है। भाई रहेगा तभी तो हम आपस में लड़ेगे और हस्सी मजाक करेंगे। जब भाई ही नहीं बचेगा तो मैं किस से लड़ाई करुंगा। अभी हमारा दुश्मन कोरोना है न कि भाई। पहले हमें कोरोना को हराना है। विवाद हम बाद में भी देख लेंगे। मैने Plasma दे दिया है। अब चुप हो जा।
दोस्तों आशा करता हूं कि आपको इस कहानी के माध्यम से समझा पाया हुंगा कि अभी हमें मिलकर एक दूसरे का साथ देना है और कोरोना को हराना है। रावन के तो दस सिर थें, कम से कम वह दिखाई देता था तो श्रीराम भगवान ने मुकाबला किया था। मगर अभी जिस शैतान से सारी दुनियां लड़ रही है उसे लाखों सिर है जो दिखाई नहीं देते। वह हर वक्त अपना रूप बदता रहता है। ऐसे में यदि हम एक दूसरे की सहायता न करे तो क्या हम कोरोना को हरा पायेंगे।
मैं जब भी खुद से नहीं हारा तो इस कोरोना वायरस की क्या औकात है |
एक-दूसरे का साथ दें, मास्क लगाकर रखें, उचित दूरी बनाकर रखें। तभी कोरोना को हरा पायेंगे।
जय हिंद! जय भारत!
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