Happy Krishna Janmashtami
भगवान कृष्ण के जन्म के दिव्य सार (Divya Saar) को अपनाना और उसे त्योहार के रुप में माना एक अलग ही आनन्द दायक होता है। कृष्ण जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव के रुप में मनाने वाला एक त्यौहार है। Shri krishna janmashtami के अवसर पर लाखों लोगों के बीच खुशी और भक्ति का संचार होता है।
Shri Krishna janmashtami पवित्र अवसर धार्मिक सीमाओं से बहुत परे है। भगवान श्री कृष्ण का श्रृंगार उत्सव में भाग लेने वाले सभी लोगों के दिलों को छूता है। चलिये यहां पर हम कृष्ण जन्माष्टमी के महत्व, हिंदू रीति-रिवाजों और परंपराओं और उन रमणीय कारणों को जानते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाता है।
(Accepting the divine essence (Divya Saar) of Lord Krishna's birth and considering it as a festival is another pleasure. Krishna Janmashtami is a festival celebrating the birth of Lord Shri Krishna. On the occasion of Shri Krishna Janmashtami, there is communication of happiness and devotion among lakhs of people.
Shri Krishna janmashtami holy occasion is far beyond religious boundaries. Worship of Lord Shri Krishna touches the hearts of all who participate in this festival. Here let us know the significance of Krishna Janmashtami, Hindu customs and traditions and the pleasing reasons. Krishna Janmashtami puts a smile on the faces of people from all walks of life.)
भगवान कृष्ण का दिव्य जन्म
कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म की कहानी को याद करने और भगवान के प्रति श्रदाभाव रखने का त्यौहार है। श्री कृष्ण भगवान को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। यह शुभ दिन भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष के आठवें दिन अथार्त अष्टमी को होता है। ऐसा माना जाता है कि मथुरा में जन्मे भगवान श्री कृष्ण बुराई को खत्म करने और प्रेम और धार्मिकता फैलाने के लिए दुनियां में अवतार लिये थे।
भगवान श्री कृष्ण के प्रति आध्यात्मिक महत्व
Krishna Janmashtami का यह शुभ दिन सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि आध्यात्मिक चिंतन का भी समय है। इस दिन भगवान कृष्ण के भक्त उपवास करते हैं और प्रार्थना में संलग्न होते हैं। अपने और अपने परिवार के लिए आशीर्वाद मांगते हैं उनका सभी दिन मंगलपूर्वक व्यतित हो। जन्माष्टमी आंतरिक शांति खोजने और परमात्मा से जुड़ने का दिन है।
जन्माष्टमी के दिन, तैयारी और सजावट
जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर, लोग अपने घरों और मंदिरों को फूलों और रंगीन रंगोली के डिजाइनों से सजाते हैं। भक्त जन्माष्टमी के दिन हर्ष और उल्लास के साथ भगवान की आराधना करते हैं। इस दिन लोग भगवान श्री कृष्ण के स्वागत के लिए अपने आस-पास की सफाई करते हैं और सजाते हैं।
जन्माष्टमी पर आधी रात का जश्न
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का मुख्य आकर्षण मध्यरात्रि उत्सव होता है। भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को लगभग 12 बजे हुआ था। इस वजह से इस पवित्र समय पर दुनिया भर के मंदिर मधुर भजनों और मंत्रों से गूंजते हैं। भक्त इस दिव्य क्षण को देखने और प्रार्थना करने के लिए एक जगह जमा होता है। बहुत से लोग मंदिर जाते हैं तो बहुत से लोग घर में इस समय भगवान की आराधना और कृतन करते हैं।
दही हांडी और मटकी फोड़ना कार्यक्रम
जन्माष्टमी पर दही हांडी और मटकी फोड़ना कार्यक्रम सबसे प्रतीक्षित परंपराओं में से एक है। इस कार्यक्रम में युवा उत्साह पूर्वक मक्खन से भरे बर्तन को तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाते हैं। यह बहुत ही मनमोहक दिखता है। दही हांडी और मटकी फोड़ कार्यक्रम भगवान कृष्ण के बचपन की लीलाओं का यह पुनरुत्पादन खुशी और उत्साह के रुप में प्रतित होता है।
स्वादिष्ट जन्माष्टमी भोजन
भारत में कोई भी उत्सव स्वादिष्ट भोजन के बिना अधूरा सा लगता है। इस त्यौहार पर भी लोग स्वादिष्ट जन्माष्टमी भोजन बनाते हैं। भक्त भगवान कृष्ण को प्रसाद के रूप में पंजीरी, माखन मिश्री और खीर जैसे स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करते हैं और इसका भोग लगाकर अपने जानने वाले और रिस्तेदारों को प्रसाद के रूम में वितरितकरते हैं। यह दिन ऐसा लगता है जैसे घर में किसी अपने का जन्मदिन मनाया जा रहा हो।
छोटे कृष्णों के रूप में सजना
इस दिन बच्चे और वयस्क समान रूप से भगवान कृष्ण या राधा के रूप में सजकर उत्सव में भाग लेते हैं और कृष्ण लीला करते हैं। ये रंगीन और विस्तृत पोशाकें उत्सव के जीवंत माहौल को देखाना बहुत ही मनमोहक होता है।
कृष्ण की प्रेम और करुणा की शिक्षाएँ
भगवान श्री कृष्ण का जीवन और शिक्षाएँ दुनिया भर में लोगों को प्रेरित करने का काम करती रहती है। भगवान का जीवन प्रेम, करुणा और अपने कर्तव्यों को पूरा करने के महत्व पर उनकी सीख सभी को गहराई से प्रभावित करती है। जन्माष्टमी का अवसर श्री कृष्ण भगवान के मूल्यों को हमारे जीवन में अपनाने की याद दिलाती है।
जन्माष्टमी अब वैश्विक उत्सव बन चुका है
जन्माष्टमी त्यौहार अब केवल भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि विभिन्न देशों में धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार बन चुका है। इस शुभ अवसर को चिह्नित करने के लिए दुनिया भर के मंदिर में विशेष कार्यक्रम और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होता है।
जन्माष्टमी, प्रेम और भक्ति का दिन
श्री कृष्ण जन्माष्टमी सिर्फ एक धार्मिक त्योहार से कहीं अधिक प्रेम, आनंद और भक्ति का उत्सव है। यह लोगों को एक साथ जोड़ने का काम भी करता है। यह लोगों के मतभेदों को दूर करता है और एकता को बढ़ावा देता है। इस त्यौहार पर हमें भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाते हैं उनके द्वारा दी गई शिक्षा को अपनाना चाहिए। तो फिर आइए हम अपने दैनिक जीवन में प्रेम और करुणा की उनकी शिक्षाओं को अपनाने का भी प्रयास करें।
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