राधे-कृष्ण प्रेम शायरी 2 लाइन
सनातन धर्म में भगवान कृष्ण का बहुत अधिक माहत्व है। भगवान श्री कृष्ण का प्रेम सबसे आकर्षक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने वाले विषयों में से एक है। ये भगवान विष्णु के आठवें अवतार है। Lord Krishna न केवल अपनी दिव्य लीलाओं के लिए बल्कि प्रेम की अपनी गहन अभिव्यक्तियों के लिए भी पूजनीय हैं। चलिए इस लेख के माध्यम से कृष्ण प्रेम शायरी 2 लाइन (radha krishna shayari 2 line) को पढ़ते और भक्ति में खो जाते हैं।
जब गोपियाँ खड़ी हुईं थे वन में,
कृष्ण का प्यार बसा था उनके मन में।
रास की धुन पर नाचती थीं गोपियाँ संग संग,
कृष्णा की मोहिनी सूरत में था सबका रंग।
कृष्ण के प्रेम का सार
कृष्ण का प्रेम एक भक्तिभाव में डूबा हुआ रस है जिसका स्वाद जो बी एक बार चख लेता है उसका यह जिंदगी सफल हो जाता है। जब आपने कभी श्री कृष्ण लीला की कहानियों को सुना होगा तो अवश्य ही जान लिया होगा कि वृंदावन की गोपियों (गाय की लड़कियों) के साथ कृष्ण भगवान की चंचल और शरारती बातचीत, राधा के साथ उनका शाश्वत बंधन और उनके सभी भक्तों के साथ उनका दयालु रिश्ता कितना सुंदर और मनोरमय था। इसी प्रकार के कई अन्य भाव और कहानी श्री कृष्ण भगवान की है जिनके बारे में कई कवियों ने कृष्ण प्रेम शायरी 2 लाइन लिखी है। कई ने तो कृष्णा की भक्ति रस को अपने कविता के माध्यम से लोगों को बताया है।
जिन कवियों और लेखकों में श्री कृष्णा के प्रति भक्ति और प्रेम अधिक होता है वे ही केवल कृष्ण के प्रेम का सार का वंदन किया है तथा अपने शब्दों के माध्यम कविता के रूप में प्रस्तुत किया है। आपने इतिहास में कई कवियों जैसे सूरदास और मीरा मीरा आदि के बारे में जाना और समझ होगा। इन्होने अपने भगवान कृष्णा के प्रेम को कई शब्दों, सुविचारों और दोहे को ब्यान किया है।
श्री कृष्णा से संबंधित शायरी को समझना
यदि आप श्री कृष्णा से संबंधित शायरी को पढ़ेंगे तो एक भक्ति रस का अलग ही आनंद मिलेगा। भगवान श्री कृष्ण से संबंधित प्रमुख शायरियां मुख्य रूप से उर्दू और हिंदी साहित्य में पाया जाता है। अधिकतर शायरियों में आपको प्रेम से संबंधित शब्दों के साथ भावना और विचार जो अन्य शायरी में आपको कभी भी नहीं मिल सकता है। इन शायरियों को पढ़कर आप प्रेम, लालसा और भक्ति भाव में खो सकते हैं। आप भी श्री कृष्ण भगवान की भक्ति को जानकर और समझकर कृष्ण प्रेम शायरी 2 लाइन लिख सकते हैं और दूसरों के साथ शेयर कर सकते हैं।
राधा-कृष्ण का शाश्वत प्रेम
प्रेम के सही अर्थ को समझने के लिए आपको राधा-कृष्ण का शाश्वत प्रेम को जानना और समझना चाहिए। क्योंकि इनकी प्रेम कहानी को अक्सर शुद्ध और निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक माना जाता है। राधा-कृष्ण का रिश्ता भौतिक दायरे से परे है, जो व्यक्तिगत के आत्मा के साथ परमात्मा मिलन का प्रतीक है। यदि आप इसके भाव और प्रभाव को समझना चाहते हैं तो आपको राधा-कृष्ण से संबंधित सुविचार और शायरियों को पढ़ना चाहिए।
कृष्ण प्रेम शायरी 2 लाइन
राधा-कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना थादूनियां को प्यार का मतलब समझाना था।
प्रेम वह नहीं जिसे इजहार किया जाए,प्रेम तो वह है जो केवल महसूस किया जाए।
राधा के सच्चे प्रेम का यह इनाम हैकृष्ण से पहले राधा का नाम है।
तेरी सूरत की दीवानी हूँ, मुझे राधा सा प्यार दें,
कान्हा मेरे दिल को अपने प्रेम भाव से भर दें।
कान्हा की बंसी, राधा का प्यार,
हर दिल में बसा है, ये अनमोल उपहार।
मुरली की धुन पर, राधा का नृत्य,
श्री कृष्ण की भक्ति पर, हर मार्ग है सत्य।
जिस तरह राधा के बिना कृष्णा अधूरे,
उसी तरह भक्ति के बिना भाव अधूरे।
प्रेम करना है तो राधा की तरह करेंएक बारे मिले तो फिर कभी न बिछड़ें।
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नहीं होता।
सखी राधा जहां, श्री कृष्ण वहां वहां,जो हृदय में बस जाएं वो बिछड़ता कहां है।
लफ्ज़ कम है, मगर कितने प्यारे हैं,तुम हमारे हो, हम तुम्हारे हैं।
हे मुरलीधर समां बांध देते हैं तुम्हारे ख्याल, कुछ इस तरह मन में दोरे ए गुफ्तगू,चलता हैं सारी सारी रात आंखों में..हरे कृष्णा राधे राधें
श्री कृष्णा सुविचार
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