नमस्कार दोस्तों, मैं V.S. Chandravanshi एक बार फिर से अपने Suvichar4u.com ब्लोग में स्वागत करता हूं। आज मैं आपको यहां पर Vishwa Sangeet Divas की जानकारी देने वाला हूं। इसके अलावा, इस दिन को खास बनाने के लिए मैं आपके साथ विश्व संगीत दिवस के सुविचार भी प्रस्तुत करूंगा ताकि आप इसे अपने प्रियजनों, मित्रों और रिस्तेदारों के साथ साझा कर सकें।
"संगीत हृदय की भाषा और आत्मा की प्रार्थना है।
यह भीतर के दिव्य से बात करता है और ब्रह्मांड के साथ प्रतिध्वनित होता है।"
विश्व संगीत दिवस
World Music Day को भारत में विश्व संगीत दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह हर साल 21 जून को विश्व स्तर पर मनाया जाने वाला त्यौहार है।
विश्व संगीत दिवस, संगीत की वैश्विक भाषा और सांस्कृतिक और भौगोलिक सीमाओं के पार लोगों को एकजुट करने की इसकी शक्ति का सम्मान करने के लिए समर्पित है। अगर बात की जाए भारत देश की तो आपको बता दें कि यहां पर हिंदुओं और सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए, संगीत आध्यात्मिक अभ्यास और दैनिक जीवन में एक गहन स्थान रखता है। इसी वजह से भारत में Vishwa Sangeet Divas को एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
वैसे तो भारत में लगभग सभी धर्मों के लोगों को संगीत में रुचि होती है लेकिन हिंदुओं को इससे बहुत अधिक प्यार है तभी तो हिंदुओं के भजनों, मंत्रा और ईश्वर की आराधना में इसका विशेष स्थान है। यहां पर बनने वाली लगभग सभी फिल्मों में आपको संगीत सुनने को मिलेगा। ऐसा लगता है कि बिना इसके अगर फिल्म बनाई जाए तो वह फिल्म यहां पर चल ही नहीं सकती है। अब आप इस बात से समझ गये होंगे कि यहां पर संगीत का कितना अधिक माहत्व है।
विश्व संगीत दिवस की उत्पत्ति कब हुई?
विश्व संगीत दिवस, या World Music Day, पहली बार 1982 में फ़्रांस में मनाया गया था। उस समय इसको मनाने का उद्देश्य सभी स्तरों और शैलियों के संगीतकार सार्वजनिक स्थानों पर स्वतंत्र रूप से प्रदर्शन कर सकें। जिससे दुनिया भर में संगीत के आनंद और प्रशंसा (the enjoyment and appreciation of music) को बढ़ावा मिल सकें।
लोगों के World Music Day मनाने की इस पहल ने तेज़ी से लोकप्रियता हासिल की और तब से 120 से ज़्यादा देशों ने इस त्यौहार को अपनाया है और मनाना शुरू किया। यदि आप हर देश के विश्व संगीत दिवस मनाने को ध्यान से देखें तो आपको उनके देश की इस उत्सव में एक अनूठी सांस्कृतिक (unique cultural glimpse) झलक देखने को मिलेगी। जिससे आपको पता चलेगा कि उस देश में संगीत को कितना माहत्व दिया जाता है।
सनातन धर्म में संगीत का मात्व
चलिए अब मैं आपको संगीत का सनातन धर्म में क्या माहत्व है, इसे बताता हूं। सनातन धर्म में संगीत (music) सिर्फ़ एक कला नहीं बल्कि एक दिव्य अभ्यास (divine practice) है। यह आध्यात्मिकता से गहराई से जुड़ा हुआ है और ईश्वर से जुड़ने का एक माध्यम है। चलिए यहां पर हिंदू धर्म में संगीत किस तरह से भूमिका निभाता है, इससे जानते हैं:
भजन और कीर्तन:
यदि आप विश्व संगीत दिवस के बारे में जानेंगे तो आपको यह भी पता चल जायेगा कि सनातन धर्म में भजन और कीर्तन (Bhajans and Kirtans) का कितना आधिक मात्व है। ये एक प्रकार की भक्ति गीत होती है जो हिंदू पूजा का अभिन्न अंग हैं। भजन अक्सर सरल, गीतात्मक गीत होते हैं जो ईश्वर के प्रति प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करते हैं जबकि कीर्तन में ईश्वरीय नामों का दोहराव होता है और समूह में गाया जाता है।
विश्व संगीत दिवस सुविचार:
"हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे,
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।"
आपने अक्सर यह कीर्तन लोगों को करते हुए सुना होगा। जब कभी आप इसे सुनते हैं तो आपका मन ईश्वर के प्रति आपके अंदर प्रेम और श्रद्धा जागृत करना शुरू कर देता है।
वैदिक भजन और मंत्र:
यदि आप सनातन धर्म (Sanatan Dharma) को गहराई से जानेंगे तो आपको पता चलेगा कि प्राचीन पवित्र ग्रंथों, वेदों में कई भजन और मंत्र हैं जिन्हें अनुष्ठानों और समारोहों के दौरान गाया जाता था। आज भी बहुत से लोग इनको एक खास दिन पर गाते और सुनते हैं। ऐसा एक रिसर्च से पता चला है कि इन वैदिक भजन और मंत्रों में शक्तिशाली कंपन ऊर्जा होती है जो हमारे मन और आत्मा को शुद्ध कर सकती है। आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं:
ॐ भूर्भुवः स्वःतत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्।
आपने ऊपर बताई गई गायत्री मंत्र को अक्सर सुना होगा। इस मंत्र को जब आप अपने शुद्ध मन से गायेंगे तो आपको इसकी शक्ति की अनुभति हुई होगी। इस बात से आप समझ सकते हैं कि सनातन धर्म में संगीत का कितना अधिक माहत्व है।
शास्त्रीय संगीत:
भारतीय शास्त्रीय संगीत, कर्नाटक और हिंदुस्तानी दोनों, की जड़ें वैदिक परंपराओं में बहुत अधिक देखने को मिलता हैं। इसे मोक्ष (मुक्ति) का मार्ग भी माना जाता है और इसमें जटिल संरचनाएं और सुधार शामिल हैं जो ईश्वर की अनंत रचनात्मकता को दर्शाते हैं। भारत के शास्त्रीय संगीत विश्व संगीत दिवस को मानने के उद्देश्य में अपना बहुत माहत्वपूर्ण स्थान रखता है।
सा रे ग म प ध नि,
सा रे रे ग ग मम प ध ध नि नि
पूजा में वाद्य यंत्र:
वीणा, मृदंगम, तबला और बांसुरी जैसे वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल न केवल संगीत समारोहों में किया जाता रहा है, बल्कि मंदिरों और धार्मिक समारोहों में भी इनका उपयोग किया जाता है। कहा जाता है कि इन वाद्य यंत्रों की ध्वनि चेतना को बढ़ाती है और व्यक्ति को ईश्वर के करीब ले जाती है। भारत में कई ऐसा गीत और संगीत सुनने को मिल जायेंगे जिनको प्रसिद्ध करने में इन वाद्य यंत्रों का बहुत बड़ा रोल है।
आप ऊपर बताई गई इन चारों उदाहरणों से समझ ही गयें होंगे कि भारत में विश्व संगीत दिवस अथार्त World Music Day का कितना अधिक माहत्व है।
विश्व संगीत दिवस मनाना
विश्व संगीत दिवस (World Music Day) सनातन धर्म प्रेमिओं को अपनी समृद्ध संगीत विरासत (rich musical heritage) का जश्न मनाने और इसे दुनिया के साथ साझा करने का अवसर प्रदान करता है। मैं यहां पर आपको इस दिन को मनाने के कुछ तरीके बता रहा हूं:
1. सार्वजनिक प्रदर्शन:
विश्व संगीत दिवस पर आप भजन, कीर्तन या शास्त्रीय संगीत के सार्वजनिक प्रदर्शन आयोजित कर सकते हैं या फिर उनमें भाग ले सकते हैं। आप चाहें तो मंदिर, सामुदायिक केंद्र और सार्वजनिक पार्क या अन्य स्थान जहां पर लोग गीत और संगीत सुनने जाते हैं वहां पर आप अपनी कला को दूसरों के साथ साझा कर सकते हैं। आजकल तो आप शोसल मीडियां के द्वारा भी संगीत को लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं और लोगों को खुशी देने के साथ-साथ आपभी आनंद ले सकते हैं।
2. डिजिटल समारोह:
आज का युग डिजिटल बन चुका है। अब बहुत से लोग World Music Day को मनाने के लिए वर्चुअल कॉन्सर्ट और लाइव स्ट्रीमिंग इवेंट का आयोजन करते हैं। इसके द्वारा वे वैश्विक दर्शकों तक अपनी पहुंच को असानी से बाने लेते हैं। आप चाहते तो इस दिन को खास बनाने के लिए आप भी डिजिटल प्लेटफार्म का सहारा ले सकते हैं।
3. संगीत कार्यशालाएँ:
यदि आप संगीत प्रेमी है तो आपको विश्व संगीत दिवस अवश्य ही मनाना चाहिए। इससे आपको भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों, गायन और हिंदू धर्म में संगीत के महत्व की मूल बातें सिखाने को मिलेगी। इस त्यौहार के द्वारा आप भारतीय संगीत परंपराओं के बारे में जागरूकता और प्रशंसा फैलाने में मदद कर सकते हैं।
4. ध्यान सत्र:
भारत में बहुत से लोग विश्व संगीत दिवस को मनाने के लिए ध्यान और आध्यात्मिक विकास का सहारा लेते हैं जो संगीत की शक्ति को दिखाता है। आप ऐसे सत्र का आयोजन कर सकते हैं जहां पर संगीत और वैदिक मंत्रों के साथ ध्यान लगाया जाता है। इससे आपका मन शांत और आध्यात्म की ओर अग्रसर होगा।
5. सहयोगी कार्यक्रम:
आप World Music Day मनाने के लिए किसी ऐसा कार्यक्रम में जा सकते हैं जहां पर विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के संगीतकार अपनी गीत को प्रस्तुत कर रहे हो। ऐसा करने से आपमें संगीत के प्रति समझ और एकता को बढ़ावा मिल सकता है।
संगीत की सार्वभौमिक भाषा
सरल शब्दों में कहें तो संगीत एक सार्वभौमिक भाषा (universal language) है। यह सांस्कृतिक बाधाओं को पार करता है, जिससे यह अभिव्यक्ति और जुड़ाव का एक सार्वभौमिक (वैश्विक) माध्यम बन जाता है। हिंदुओं के लिए, संगीत ईश्वरीय अनुभव और अभिव्यक्ति का एक तरीका है, जो आनंद, सांत्वना और अपनेपन की भावना लाता है। इस विश्व संगीत दिवस (World Music Day) पर, आइए हम इस कालातीत कला (timeless art) रूप का जश्न मनाएं जिसमें उपचार, प्रेरणा और एकजुटता की शक्ति है।
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