विश्व पर्यावरण दिवस और पर्यावरण जागरूकता का महत्व
नमस्कार दोस्तों, आज मैं इस सुविचार ब्लोग में आपको विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य बताउंगा तथा साथ ही साथ हीटवेव को भी समझेंगे ताकि पर्यावरण जागरूकता का महत्व को ठीक प्रकार से समझ सकें।
स्वच्छ पर्यावरण, स्वस्थ जीवन।
विश्व पर्यावरण दिवस को अंग्रेजी में World Environment Day कहा जाता है। यह हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और हमारे ग्रह की रक्षा के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है। आप अगर भारत में रहते हैं तो कुछ समय पहले ही एक चिंता का एक महत्वपूर्ण विषय सामने देखने को मिला है। वह है हीटवेव। इसकी बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता आम मानस जन को परेशान कर रखा है। भारत में तो इसकी वजह से इस वर्ष सैकड़ों लोगों की अभी तक जान भी जा चुकी है। इसलिए इस विषय को आज के दिन समझना बहुत जरूरी है।
विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व
चलिए सबसे पहले विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व को जानते और समझते हैं:
सबसे पहले 1974 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का एक आह्वान किया गया था। जिसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति सही और उचित जानकारी प्रदान की जाए। यह प्रत्येक वर्ष, यह दिन एक विशिष्ट विषय पर केंद्रित होता है जिसमें पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता पर प्रकाश डाला जाता है। इस वर्ष का थीम भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता है। भारत ही नहीं बल्कि विश्व की यह एक बहुत बड़ी समस्या है। आज जमीन बंजर, मरुस्थली और सुखा होता जा रहा है जिसकी वजह से हीटवेव की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण क्या आपको पता है। अगर हां तो अच्छी बात है अगर नहीं तो चलिए इसे जानने की कोशिश करते हैं।
हीटवेव: एक बढ़ती हुई चिंता
आज हीटवेव की वजह से भारत ही नहीं बल्कि कई देशों में लोगों को भयंकर कष्टों का सामना करना पड़ रहा है। यह मौसम की घटनाएँ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर रही है और पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित कर रही है। यहां हमारी बुनियादी ढाँचे को भी प्रभावित कर रही है। हीटवेव के पीछे के कारणों को समझना उनके प्रभाव को कम करने और प्रभावी अनुकूलन रणनीतियों को विकसित हमारे लिए आज आवश्यक है। चलिए आज World Environment Day के दिन इसे जानते और इससे निपटने का प्रयास करते हैं।
हीटवेव के कारण
- जलवायु परिवर्तन: हीटवेव का बढ़ता प्रकोप लोगों को परेशान कर रहा है इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण वैश्विक जलवायु परिवर्तन है। आज पूरे संसार में विकास के नाम पर ग्रीनहाउस गैस का अत्यधिक उत्सर्जन, विशेष रूप से कार्बन डाइऑक्साइड में वृद्धि, पेड़ों को काटने से हमारी पृथ्वी के वायुमंडल में गर्मी बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से हीटवेव का प्रभाव अब हर साल देखने को मिल रहा है।
- शहरीकरण: आज पूरे विश्व में तेजी से शहरीकरण हो रहा है जिसकी वजह से पेड़ों की कटाई बहुत अधिक हो रही है और पृथ्वी से हरियाली खत्म होती जा रही है। मैं शहरीकरण को गतल नहीं मान रहा लेकिन उसके साथ-साथ यदि हम हरियाली पर जोर दें तो अच्छा होगा। आपने हमेशा अनुभव किया होगा कि शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण समकक्षों की तुलना में अधिक तापमान का अनुभव होता है। शहरी करण में कंक्रीट और डामर का व्यापक उपयोग अत्यधिक हो रहा है जिसकी वजह से जमीन में नमी की कमी हो रही है और शहरों का तापमान बढ़ता जा रहा है।
- वनों की कटाई: हम सभी को पता होना चाहिए कि वनों के खत्म होने से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने और तापमान को नियंत्रित करने की पृथ्वी की क्षमता कम हो रही है। पेड़ हमारी जलवायु के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका में असमर्थ हो रहे हैं, और उनकी कटाई से तापमान में वृद्धि हो रही है और मौसम के पैटर्न में व्यवधान भी उत्पन्न होता जा रहा है। यदि आप इस समस्यां को समझ गये हैं तो आज से ही अपने आस-पास पेड़ लगाना शुरू करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। क्योंकि ऐसा करके ही हम अब पर्यावरण असंतुलन को दूर कर सकते हैं।
- जानकारी और जागरूकता की कमी: बहुत से लोगों को हीटवेव की गंभीरता के बारे में उचित जानकारी नहीं है। हीटवेव के कारणों की जानकारी फैलाए और लोगों को समझाये कि हमारा पृथ्वी क्यों अब गर्म होता जा रहा है। चलिए अब हम लोगों को विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए प्रेरित करते और जगरूकता फैलाए।
हीटवेव से निपटने में विश्व पर्यावरण दिवस की भूमिका
विश्व पर्यावरण दिवस हीटवेव सहित पर्यावरण संबंधी कई मुद्दों के बारे में लोगों में शिक्षा का प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि हम भी अब से इसके प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ायेंगे तो काफी हद तक हम हीटवेब के प्रकोप से लोगों को बचा सकते है।
विश्व पर्यावरण दिवस प्रेरणादायक सुविचार
चलिए इस विश्व पर्यावरण दिवस पर कुछ कुछ प्रेरणादायक सुविचार पढ़ते हैं जो हमें पर्यावरण संतुलन के लिए प्रेरणा दें:
प्रकृति से प्रेम करें, क्योंकि इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं हो सकती।
आज पर्यावरण की रक्षा करें, तो कल सुरक्षित होगा।
हरियाली के बिना जीवन खत्म है, पेड़ लगाएं, पर्यावरण बचाएं।
प्रकृति की रक्षा, संस्कृति की रक्षा से बड़ी होती है।
पर्यावरण का संरक्षण करना ही, सच्ची देशभक्ति है।
पृथ्वी हमारी मां है, इसका सम्मान करें और इसकी सुरक्षा करों।
आज का वृक्षारोपण, कल का स्वच्छ पर्यावरण का कारण बनेगा।
प्रकृति की गोद में ही सच्ची शांति मिलती है, इसलिए मकान बनाने से ज्यादा हरियाली पर ध्यान देना उचित है।
जब पर्यावरण स्वच्छ रहेगा, तब जीवन को खुशहाल बनेगा।
मैं आशा करता हूं कि आपको ये सुविचार पसंद आये होंगे। यदि आपके पास भी लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ प्रेरित सुविचार है तो कमेंट बोक्स में साझा करना न भूलें।
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